सामवेद
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सामवेद चारों वेदों में आकार की दृष्टि से सबसे छोटा है और इसके १८७५ मन्त्रों में से ६९ को छोड़ कर सभी ऋगवेद के हैं। केवल १७ मन्त्र अथर्ववेद और यजुर्वेअद के पाये जाते हैं। फ़िर भी इसकी प्रतिष्ठा सर्वाधिक है। इसकी प्रतिस्ठा अधिक होने का एक कारण गीता में कृष्ण द्वारा 'वेदाना सामवेदोऽस्मि' भी है।
सामबेद यद्यपि छोटा है परन्तु एक तरह से यह सभी वेदों का सार रूप है और सभी वेदों के चुने हुए अंश इसमें शामिल किये गये है।